अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
Expensive God, I bow into the Eternal wisdom that flows through all points. Grant me the clarity to tell apart
Possessing cleansed the mirror of my intellect with the pollen-dust of my Guru’s lotus toes, I recite the holy, unblemished glory of the greatest of your Raghu dynasty (Ram), the bestower on the four fruits of lifestyle.
tinoTinoThree lokLokWorlds hānkaHānkaFear te kāpaiTe kāpaiShake / tremble Indicating: You by itself can withstand your very own energy/splendor. All three worlds (Svarka, Patala and Pritvi) would tremble at your roar.
श्री सीताराम जी के चरणों में प्रीति और भक्ति प्राप्त हो जाय यही जीवनफल है। यह प्रदान करने की क्षमता श्री हनुमान जी में ही है।
सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
SankataSankataTrouble / problem kataiKataiCut shorter / end mitaiMitaiRemoved sabaSabaAll pīrāPīrāPains / website troubles / sufferings
kāndheKāndheShoulder mūnjiMūnjiMunja grass janeūJaneūSacred thread sājaiSājaiAdorn That means: You may have the vajrayudha (mace) and flag/banner as part of your arms; sacred-thread made from the munja grass decorates your shoulder.
भावार्थ – माता जानकी ने आपको वरदान दिया है कि आप आठों प्रकार की सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नवों प्रकार की निधियाँ (पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुन्द, कुन्द, नील, खर्व) प्रदान करने में समर्थ होंगे।
श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥
श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स के अंग्रेजी और हिन्दी अनुवाद निम्न लिखित हैं। सटीक हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
“He whoever recites this 100 occasions, his chains of Bondage might be Slash, Great happiness will likely be his.”
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ ॥दोहा॥ पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।